आधार संख्या क्या है ? ( What is Aadhaar Number ? )

आधार संख्‍या प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के उपरांत UIDAI द्वारा भारत के सभी निवासियों को जारी की जाने वाली 12 अंकों की एक रैंडम संख्‍या है।

किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, और स्वेच्छा से आधार नंबर लिए नामांकन करवाना चाहता हैं।

तो बिना किसी लिंग भेद के आधार संख्या प्राप्ति‍ हेतु नामांकन करवा सकता है।

नामांकन के इच्‍छुक व्यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान, जो पूरी तरह से निशुल्क है, न्‍यूनतम जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक सूचना उपलब्‍ध करवानी होती है।

किसी भी व्यक्ति को आधार के लिए केवल एक बार नामांकन किया जाना है और डी-डुप्लीकेशन सिस्टम के माध्यम से एक गहनता परीक्षण किया जाता है, केवल एक आधार डी-डुप्लीकेशन के बाद उत्पन्न होता है।

जनसांख्यिकीय सूचनानाम, जन्मतिथि‍ (सत्‍यापित) अथवा आयु (घोषित), लिंग, पता, मोबाइल नंबर (ऐच्छिक) और ईमेल आईडी (ऐच्छिक)
बॉयोमीट्रिक सूचनादस उंगलियों के निशान, दो आइरिस स्कैन और चेहरे की तस्वीर

आधार संख्‍या एक लागत प्रभावी ऑनलाईन विधि द्वारा प्रमाणीय है।

डुप्‍लीकेट और फर्जी पहचान समाप्‍त करने के लिए यह अद्वितिय और काफी मजबूत है और विभिन्‍न सरकारी कल्‍याण योजनाओं ओर सेवाओं के प्रभावी वितरण, पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने हेतु एक बुनियादी/प्राथमिक पहचान के रूप में इसे इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

यह दुनियाभर में अपनी तरह का एकमात्र कार्यक्रम है जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों को स्‍टेट ऑफ द आर्ट डिजीटल और ऑनलाईन पहचान नि:शुल्‍क प्रदान की जा रही है जिससे देश में सेवा वितरण कार्यों की संभावाना को बदलने की क्षमता है।

आधार संख्‍या किसी भी खुफिया से रहित है और जाति, धर्म, आय, स्वास्थ्य और भूगोल के आधार पर लोगों प्रोफ़ाइल नहीं है।

आधार संख्‍या पहचान का प्रमाण है।

हालांकि, यह आधार संख्‍या धारक के संबंध में नागरिकता या निवास का कोई अधिकार प्रदान नहीं करता है।

सामाजिक और वित्‍तीय समावेशन, सार्वजनिक क्षेत्र के वितरण सुधारों, राजकोषीय बजट के प्रबंधन सुविधा बढ़ाने के लिए और लोगों को प‍रेशानी रहित शासन प्रदान करने को बढ़ावा देने के लिए आधार एक रणनीतिक नीति उपकरण है।

आधार कार्ड को एक स्‍थायी वित्‍तीय पते के रूप में और समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के वित्‍तीय समावेशन की सुविधा के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

और इसलिए वितरणात्‍मक न्‍याय और समानता के लिए यह एक उपकरण है।

आधार पहचान मंच “डिजीटल इं‍डिंया” के प्रमुख स्‍तम्‍भों में से एक है, जिसमें देश के प्रत्‍येक निवासी को एक अद्वितीय पहचान प्रदान की गई है।

अद्वितीयता, प्रमाणीकरण, वित्‍तीय पते और ई-केवाईसी जैसी अपने में निहित विशेषताओं के साथ आधार पहचान मंच, निवासी की आधार संख्‍या का प्रयोग करके विभिन्‍न सब्सिडी, लाभ और सेवाओं के वितरण हेतु भारत सरकार को देश के निवासियों तक सीधे पहुंचने में सक्षम बनाता है।

लक्ष्य और उद्देश्य

आधार संख्या का लक्ष्य ( Aadhaar Number Target )

भारत के निवासियों को एक विशिष्ट पहचान उपलब्ध करना जिसे डिजिटल माध्यम से कहीं भी, कभी भी सत्यापित किया जा सके।

आधार के उद्देश्‍य ( Aadhaar Purpose )

  • अच्छी तरह से परिभाषित समय-सीमा और कड़े गुणवत्ता मेट्रिक्स का पालन करते हुए सर्वत्र निवासियों को आधार नंबर जारी करना।
  • सहयोगियों के साथ मिलकर ऐसी संरचना बनाना जो निवासियों को उनकी डिजिटल पहचान को अद्यतन रखने व सत्यापित करने में सुविधाजनक हो।
  • आधार का लाभ उठाकर निवासियों को प्रभावी, दक्ष्य व निष्पक्ष सेवा मिल सके, इस हेतु भागीदारों व सेवा प्रदाताओं के साथ कार्य करना।
  • नवोत्थान को प्रोत्साहित करना, जिसके लिए सरकारी व गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा आधार से जुड़े एप्लीकेशन्स बनवाने हेतु मंच प्रदान करना।
  • आधार की तकनीकि संरचना की उपलब्धता, विस्तार व लचीलापन सुनिश्चित करना।
  • भा. वि. प. प्राधिकरण के लक्ष्यों व आदर्शों को बढ़ावा देने हेतु एक मजबूत व दीर्घ कालिक संगठन बनाना।
  • विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध सर्वोत्तम निपुणताओं को भागीदारी के आधार पर भा.वी.प. प्राधिकरण हेतु उपयोग में लाना।

बुनियादी मूल्य (Core Values of Aadhar )

  • सत्यनिष्ठा।
  • समावेश पर आधारित राष्ट्र निर्माण।
  • सहयोगात्मक दृष्टिकोण तथा सहयोगियों का आदर।
  • निवासियों तथा सेवा-प्रदाताओं को उत्कृष्ट सेवा प्रदान करना।
  • निरंतर समुन्नति व गुणवत्ता में सुधार।
  • नवपरिवर्तन की प्रेरणा से सहयोगियों के लिए नवोत्थान हेतु मंच प्रदान करना।
  • पारदर्शी व मुक्त संगठन में विश्वास।

आधार की विशेषताएं

अद्वितीय आधार नंबर ( Unique Aadhaar number )

इसे जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक डी-डुप्‍लीकेशन की प्रक्रिया से हासिल किया गया है।

डी-‍डुप्‍लीकेशन प्रक्रिया में यह जांचने के लिए कि क्‍या व्‍यक्ति पहले से ही डेटा बेस में है अथवा नहीं; नामांकन प्रक्रिया के दौरान एकत्र की गई निवासी की जनसांख्यिकीय/बॉयोमीट्रिक जानकारी को UIDAI के डेटाबेस के रिकार्ड के साथ मिलान की जाती है।

निवासी के आधार हेतु केवल एक बार ही नामांकन की आवश्‍यकता है और डी-डुप्‍लीकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजन किया जाएगा।

यदि निवासी एक से अधिक बार नामांकन करवाता है तो नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे।

पोर्टेबिलिटी (Passable Quality)

आधार राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी प्रदान करता है क्‍योंकि यह कहीं भी ऑन-लाईन प्रमाणीकृत किया जा सकता है।

यह महत्वपूर्ण है, क्‍योंकि लाखों भारतीय एक राज्य से दूसरे राज्‍य अथवा ग्रामीण क्षेत्र से शहरों में प्रवास करते हैं।

क्रमरहित आधार संख्या ( Random Aadhaar number )

आधार संख्या रेण्‍डम नम्‍बर है जिसमें किसी प्रकार की आसूचना नहीं है। नामांकन के इच्‍छुक व्‍यक्ति को नामांकन प्रक्रिया के दौरान जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक जानकारी उपलब्‍ध करवानी होती है। आधार नामांकन प्रक्रिया में जाति, धर्म, आय, स्वास्थ्य, भूगोल इत्‍यादि जैसे विवरण को संग्रहित नहीं किया जाता है।

मापनीय प्रौद्योगिकी संरचना

यूआईडी संरचना अनावृत और स्केलेबल है। निवासी के डेटा को केन्द्रीकृत रूप में संग्रहीत किया जाता है और देश में कहीं से भी उसका ऑनलाइन प्रमाणीकरण किया जा सकता है। एक दिन में 10 करोड प्रमाणीकरण करने के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवा का गढन किया गया है।

ओपन स्रोत प्रौद्योगिकियां (Open source technologies)

ओपन सोर्स वास्‍तुकला विशिष्‍ट कम्‍प्‍यूटर हार्डवेयर, विशिष्ट भंडारण, विशिष्ट ओएस, विशिष्ट व्यापारिक डेटाबेस या किसी विशिष्ट व्यापारिक प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता को प्रतिबंधित करता है।

ऐसे एप्लिकेशन ओपन सोर्स या ओपन टेक्नॉलॉजी का उपयोग करके बनाए जाते हैं और व्यापारिक के तटस्थ तरीके से स्केलेबिलिटी को संबोधित करने के लिए संरचित होते हैं।

और एक ही एप्लिकेशन के भीतर विषम हार्डवेयर के सह-अस्तित्व की अनुमति देते हैं।

आधार कार्ड का उपयोग

भारत सरकार बडी संख्‍या में समाजिक कल्याणकारी योजनाओं का वित्‍त पोषण करती है जो कि समाज के गरीब और सबसे कमजोर वर्गों की ओर केंद्रित होती हैं। आधार और इनके मंच सरकार के लिए उसके कल्‍याण तंत्र को कारगर बनाने के लिए और इस प्रकार पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।

सरकारों एवं सेवा एजेंसियों हेतु

अपने पूरे डेटा-बेस के विपरीत केवल वे जनसांख्यिकीय और बायोमीट्रिक विशेषज्ञताओं की डी-डुप्‍लीकेटिंग के पश्‍चात यूआईडीएआई निवासियों के लिए आधार नम्‍बर जारी करता है।

आधार प्रमाणीकरण विभिन्‍न योजनाओं के तहत् दोहराव के उन्‍मूलन में सक्षम है और इससे सरकारी खजाने में पर्याप्‍त बचत होने की उम्‍मीद है।

यह सरकारों को लाभार्थियों के सटीक डेटा प्रदान करने, प्रत्यक्ष लाभ कार्यक्रम को सक्षम करने और सरकारी विभागों/सेवा प्रदाताओं को समन्वय और विभिन्न योजनाओं के अनुकूलन करने की अनुमति प्रदान करता है।

लाभार्थियों को सत्यापित करने और लाभों के लक्षित वितरण को सुनिश्चित करने में कार्यान्वयन एजेंसियों को आधार सक्षम करेगा।

इन सभी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने का परिणाम होगा:-

1. लक्षित वितरण द्वारा लीकेज को रोकना: 

कल्याण कार्यक्रमों, जहां सेवा वितरण से पूर्व लाभार्थियों की पुष्टि करना आवश्‍यक है, को यूआईडीएआई की प्रमाणीकरण सेवा लाभ मिलेगा। इसके परिणामस्‍वरूप लीकेज को रोकना और सेवाओं का वितरण लक्षित लाभार्थियों तक ही किया जाना सुनिश्चित होगा। उदाहरणस्‍वरूप सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों को सब्‍सडाइज्‍ड योजना और मिट्टी के तेल का विवरण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभार्थियों की कार्यस्थल उपस्थिति आदि इसमें शामिल हैं।

2. दक्षता और प्रभावकारिता में सुधार: 

आधार मंच से सेवा वितरण प्रणाली के बारे में पारदर्शी और सटीक जानकारी उपलब्‍ध कराने के परिणामस्‍वरूप सरकार संवितरण प्रणाली में सुधार कर सकती हैं और दुर्लभ विकास कोष को और अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलतापूर्वक सेवा वितरण नेटवर्क में शामिल मानव संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकती है।

निवासियों के लिए

आधार प्रणाली निवासियों को देश भर में ऑनलाईन पहचान सत्यापन का एकमात्र स्‍त्रोत प्रदान करती है।

निवासियों का एक बार नामांकन हो जाने पर वे आधार नम्‍बर का इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से उपयोग कर अपनी पहचान को सत्‍यापित और प्रमाणित कर सकते हैं।

इसके द्वारा नागरिक प्रत्‍येक बार सेवाओं जैसे बैंक खाता खोलने के लिए, ड्राइविंग लाइसेंस आदि प्राप्‍त करने हेतु बार-बार पहचान समर्थन दस्‍तावेजों को उपलब्‍ध कराने की परेशानी से बच सकते हैं।

पहचान का एक पोर्टेबल सबूत, जिसे कभी भी कहीं भी ऑनलाईन आधार प्रमाणीकरण के माध्‍यम से सत्‍यापित किया जा सकता है, उपलब्‍ध करवा कर आधार प्रणाली ने ऐसे लाखों लोगों को, जो देश के एक भाग से दूसरे भाग में चले जाते हैं, गतिशीलता प्रदान की है।

आधार के लिए नामांकन कैसे करें? (How to enroll for Aadhaar?)

आधार नामांकन प्रक्रिया में आईडीयुक्‍त पावती इकट्ठा करने से पूर्व नामांकन फार्म को भरना, जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक डेटा को कैप्‍चर करना, पहचान और पते के प्रमाण दस्‍तावेज़ प्रस्तुत करना शामिल हैं। आधार नामांकन की मुख्‍य विशेषताएं है:-

  • आधार नामांकन निशुल्क है।
  • अपनी पहचान और पते के प्रमाणित दस्‍तावेज़ के साथ भारत में किसी भी प्राधिकृत्त नामांकन केंद्र पर जा सकते हैं।
  • UIDAI पहचान और पते के अनेक प्रमाण दस्ता‍वेजों को स्वीकार करता है। कृपया, समर्थित मान्य दस्ता‍वेजों की सूची हेतु यहां क्लिक करें।
  • वोटर फोटो आई.डी. कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस पहचान और पते के सुलभ प्रमाण हैं।
  • फोटो लगे पेन कार्ड और सरकारी पहचान पत्र जैसे पहचान के प्रमाणित दस्‍तावेज के रूप में स्वीकार्य हैं।
  • तीन महीने तक पुराना पानी-बिजली का बिल/टेलीफोन बिल जैसे दस्‍तावेज पते के प्रमाण के रूप में स्वीकार्य हैं।
  • यदि आपके पास उपर्युक्त सामान्य प्रमाण न हो तो राजपत्रित अधिकारी/तहसीलदार द्वारा लैटर-हैड पर फोटोयुक्त जारी प्रमाण-पत्र, पहचान का प्रमाण माना जा सकता है।
  • पते के प्रमाण के तौर पर एम.पी./एम.एल.ए./राजपत्रित अधिकारी/तहसीलदार द्वारा लैटर-हैड पर या ग्राम पंचायत मुखिया या उसके समकक्ष प्राधिकारी द्वारा (ग्रामीण क्षेत्र के मामले में) फोटोयुक्त जारी प्रमाण पत्र को पते का प्रमाण दस्‍तावेज माना जा सकता है।
  • मान्य दस्तावेजों की सूचि के लिए कृपया यहां क्लिक करें।
  • जहां कहीं निवासी के पास दस्तावेज न हों तो वह नामांकन केंद्र पर उपलब्ध परिचयदाता की मदद ले सकता है। रजिस्ट्रार इंट्रोड्यूसर्स को नामांकित करता है।
  • अधिक जानकारी के लिए संबंधित रजिस्ट्रार के कार्यालय से संपर्क करें।

संक्षेप में, नामांकन के तीन तरीके हैं:

दस्तावेज़ आधारित

  • पहचान एवं पते दोनों के एक-एक वैध प्रमाण दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करके।

परिवार के मुखिया (HOF) आधारित

  • परिवार के मुखिया (HOF) द्वारा परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ते स्‍थापित करने वाले दस्तावेजों (POR) के आधार पर।

परिचयकर्ता आधारित

  • पहचान (POI) दस्तावेज़ के वैध प्रमाण और पते के वैध प्रमाण (POA) दस्तावेज़ की अनुपस्थिति में, एक परिचयकर्ता की सेवा का लाभ उठाया जा सकता है। एक परिचयकर्ता रजिस्ट्रार द्वारा नियुक्त व्यक्ति होता है और उसके पास वैध आधार संख्या होनी चाहिए।
  • कृपया नामांकन केंद्र पर नामांकन फार्म में अपना वैयक्तिक विवरण भरें।
  • नामांकन प्रक्रिया में आपका फोटो, फिंगर-प्रिंट और आंखों की पुतलियों के निशान भी लिए जाएंगे।
  • आप नामांकन प्रक्रिया के दौरान स्‍वयं द्वारा उपलब्‍ध करवाई गई जानकारी पर पुनर्विचार कर नामांकन के दौरान ही उसमें सुधार भी करवा सकते हैं।
  • नामांकन के दौरान ही कैप्‍चर की गई जानकारी सहित एक नामांकन नम्‍बर के साथ पावती पर्ची आपको दे दी जाएगी।
  • पावती पर्ची सहित नामांकन केंद्र पर जा कर नामांकन के 96 घंटों के भीतर, नामांकन डेटा में सुधार किया जा सकता है।
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  • आपको केवल एक बार नामांकन की आवश्‍यकता है।
  • CIDR में निवासी का डॉटा पैकेट प्राप्त होने के बाद 60-90 दिन के अंदर आधार पत्र बन जाता है।

आधार कार्ड नामांकन कहाँ कराये? (Where to enroll Aadhar Card?)

असम और मेघालय को छोड कर देश के सभी राज्यों/संघ शासित राज्यों में UIDAI द्वारा नामांकन गतिविधियां की जा रही है।

असम और मेघालय में RGI द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) की तैयारी के साथ-साथ आधार नामांकन गतिविधियां भी की जा रही हैं।

आधार सृजन

आधार जेनरेशन में गुणवत्ता जांच, पैकेट सत्यापन, जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक डी-डुप्लीकेशन आदि जैसी प्रक्रिया शामिल है। आधार केवल तभी सफलतापूर्वक उत्पन्न होता है:–

  • जब नामांकन डेटा की गुणवत्‍ता UIDAI द्वारा निर्धारित मानदण्‍डों पर खरा उतरे।
  • नामांकन पैकेट CIDR में किए गए सभी मान्‍यकरणों को पूरा कर लेता है।
  • कोई जनसांख्यिकीय/ बॉयोमीट्रिक डुप्लिकेट नहीं पाया जाए।

यदि उपरोक्त शर्तें पूरी नहीं होती तो आधार नम्‍बर जारी नहीं किया जाता और नामांकन खारिज कर दिया जाएगा। आधार सृजन की प्रक्रिया की व्याख्या निम्‍नानुसार है:-

CIDR में निवासी का डेटा अपलोड करना

प्रत्येक निवासी नामांकन सॉफ्टवेयर के लिए पैकेट के रूप में है जो नामांकन पूरा हो जाने के बाद Encrypted हो जाता है और यह UIDAI द्वारा नामांकन एजेंसी को उपलब्‍ध कराई गई अपलोड client का उपयोग करके केंद्रीय ID Repository (CIDR) में अपलोड हो जाता है।

Duplicate packet को सर्वर में अपलोड किए जाने से रोकने के लिए अपलोड पैकेट का रिकॉर्ड Client software में रखा जाता है, जिससे प्रसंस्‍करण के समय की बचत के साथ-साथ पैकेट की अस्‍वीकृति भी नहीं होती।

सर्वर का सभी डेटा स्‍थानांतरण हेतु सुरक्षित फाईल ट्रांसफर प्रेटोकॉल का उपयोग किया जाता है और इसलिए किसी भी अनधिकृत एजेंसी डेटा के लिए डेटा रिसाव की कोई संभावना नहीं है।

निवासी से प्राप्‍त दस्‍तावेजों की भी स्‍कैन किया जाता है और वह नामांकन पैकेट का हिस्‍सा बन जाते हैं जिन्‍हें सीआईडीआर पर अपलोड किया जाता है।

सीआईडीआर सैनिटी चेक : प्रत्येक नामांकन पैकेट को वैधता सीआईडीआर के प्रोडक्‍शन जोन में प्रसंस्‍करण हेतु ले जाने से पूर्व checksums, पैकेट Meta Data आदि सीआईडीआर, डीएमज़ेड में स्‍वचालित प्रक्रिया के द्वारा विस्‍तृत रूप से जांच की जाती है।

डेटा अभिलेखीय: यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा को सुरक्षित रखा गया है, CIDR में पैकेट की सामग्री को अभिलेख करने से पहले पढ़ा और एक तालिका में जमा किया जाता है। अभिलेखीय प्रणाली की निम्नलिखित आवश्यकताएं है:

  • सभी मूल पैकेट (नामांकन, अद्यतन, आदि) का जैसे है, जिस रूप में है और हमेशा के लिए, उच्च उपलब्धता सुनिश्चित करने, और शून्य डेटा हानि के लिए अभिलि‍खित किया जाना अपेक्षित है।
  • संग्रहित पैकेट को कोर नामांकन और प्रमाणीकरण प्रणाली से अलग करके, सुरक्षित रखा है।
  • उचित अभिगम नियंत्रण और अनुमोदन सहित मांग पर डेटा पुनर्प्राप्ति की अनुमति है।
  • शून्‍य डेटा हानि सुनिश्चित करने के लिए संग्रहित डेटा का नियमित रूप से बैकअप लिया जाता है।

मुख्य प्रसंस्करण पाइपलाइन

सैनिटी चैक पास के पश्‍चात नामांकन पैकेट को मुख्य प्रसंस्करण पाइपलाइन में बढाया जाता है। एक उच्च स्तर पर, इसमें निम्न चरण शामिल हैं:

स्वचालित डेटा मान्यकरण: 

जनसांख्यिकीय डेटा के लिए सीआईडीआर में निम्‍लिखित मान्यकरण जाँच की जाती है:

  • नाम व पता मान्‍यकरण
  • भाषा मान्यकरण
  • पिनकोड और प्रशासनिक क्षेत्र
  • ऑपरेटर, पर्यवेक्षक, परिचयकर्ता मान्यकरण
  • अन्य डेटा और प्रक्रिया मान्यकरण

जनसांख्यिकीय डी-डुप्लिकेशन:

जनसांख्यिकीय डी-डुप्लिकेशन मुख्य रूप से नगण्‍य डुप्लिकेट को पकड़ने के लिए किया जाता है (गैर धोखाधड़ी के मामलों में, जहां सभी जनसांख्यिकीय क्षेत्र एक समान हैं) जो कि अनजाने में सिस्‍टम को प्रस्‍तुत किए जाते हैं, जैसे कि, जब एक निवासी को कुछ दिन में आधार नम्‍बर प्राप्त नहीं होने पर उसने नामांकन केंद्र पर पुन: नामांकन करवाना तय किया। इसे 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के डी-डुप्लिकेट के लिए भी प्रयोग किया जाता है क्‍योंकि यूआईडीएआई की नीतियों के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों का बॉयोमीट्रिक्स डेटा संग्रहित नहीं किया जाता है। जनसांख्यिकीय डी-डुप्लिकेशन का उद्देश्‍य ऐसे मामलों को फिल्टर करना है ताकि बॉयोमीट्रिक्स डी-डुप्लिकेशन के लिए जा रहे नगण्‍य डुप्‍लीकेट्स की संख्‍या कम हो।

मैनुअल गुणवत्ता जांच:

नामांकन पैकेट मैनुअल गुणवत्ता जांच हेतु भेजे जाते हैं, जहां विभिन्न गुणवत्ता जांच ऑपरेटर्स जनसांख्यिकी हेतु डेटा और फोटो गुणवत्ता मुद्दों की जांच करते हैं। इसमें निवासी की फोटो के विरूद्ध सेनिटी टेस्‍ट – मानव छवि के अस्तित्व, आयु और लिंग, बेमेल लिंग और संग्रहित डेटा (उदाहरणार्थ लिप्यंतरण त्रुटियों) के साथ साथ फोटो में सकल त्रुटियां भी शामिल हैं।

Biometric de-duplication:

एक पैकेट के एक बार सभी सत्यापनों और जनसांख्यिकी जांच से गुजर जाने के पश्‍चात, इसे Biometric de-duplication हेतु Biometrics subsystem के लिए भेजा जाता है।

तीन विभिन्‍न विक्रेताओं की स्‍वचालित बायोमीट्रिक पहचान प्रणाली (ABIS) सिस्टम का उपयोग सटीकता और प्रदर्शन के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करने हेतु किया जा रहा है।

विक्रेताओं को अपने सटीकता और प्रदर्शन के आधार पर अपने सिस्‍टम के प्रदर्शन में सुधार करना सुनिश्चित करना होता है।

निवासियों की पहचान का खुलासा किए बगैर उनकी बायोमीट्रिक के साथ (सीआईडीआर में उत्‍पन्‍न) एक संदर्भ संख्‍या इन विक्रेताओं को प्रदान की जाती है।

AIBS प्रणाली डुप्‍लीकेट, यदि कोई हो तो, का पता लगाने के लिए उनकी गैलरी में मौजूद सभी बायोमीट्रिक्‍स के साथ निवासी के बायोमीट्रिक्स का मिलान करती है।

Manual Adjudication: 

ABIS सिस्टम के द्वारा की गई सभी डुप्लिकेट की पहचान को अधिनिर्णय मॉड्यूल के पास भेजा जाता है।

इस मॉड्यूल को भेजने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि ABIS प्रणालियों के कभी संभावित गलत मिलान के कारण किसी निवासी के नामांकन को खारिज न कर दिया जाए।

आधार कार्ड जारी करना

विशिष्टता निर्धारण करने के बाद निवासी को आधार नम्‍बर का आवंटन किया जाता है।

निवासी का जनसांख्यिकी डेटा इस आधार नम्‍बर के साथ जुड़ा हुआ है और इसलिए यह पहचान सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस जानकारी को प्रमाणीकरण प्रणाली के लिए भी भेजा जाता है, ताकि निवासी का प्रमाणीकरण सफलतापूर्वक किया जा सके।

आधार पत्र वितरण

आधार सृजन के पश्‍चात प्रिंट पार्टनर के साथ डेटा साझा किया जाता है।

Print partner letter printing (ट्रेकिंग जानकारी सहित) और इसे Logistics partner तक पहुंचाने के लिए जिम्‍मेदार है।

Logistics partner (इण्डिया पोस्‍ट) पत्र को भौतिक रूप में निवासी तक पहुंचाने के लिए जिम्‍मेदार है।

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